चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति कृष्णा मुरारी ने ई-अदालतों के एक नए युग की शुरुआत करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के फरीदाबाद में पहली वर्चुअल अदालत की शुरूआत की। फरीदाबाद स्थित यह ‘वर्चुअल अदालत’ पूरे हरियाणा राज्य के ट्रैफिक चालान के मामलों से निपटेगी। ऐसी अदालत का उदेश्य न्यायालय में विवादी की उपस्थिति को समाप्त करना और मामले को ऑनलाइन निपटाना है। अदालत का उद्घाटन करते हुये हुए मुख्य न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फरीदाबाद जिला एवं सत्र जज के साथ बातचीत की और परियोजना के सफल कार्यान्वयन पर बल दिया।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों के अलावा उच्च न्यायालय की कंप्यूटर समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, समिति के सदस्य न्यायमूर्ति सुंिरदर गुप्ता और न्यायमूर्ति बी.एस. वालिया भी उपस्थित थे। यह परियोजना उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के मार्गदर्शन में शुरू की गई है और इस सॉफ्टवेयर को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने विकसित किया है।
परियोजना के तहत ‘वर्चुअल अदालत में’ में प्राप्त मामलों को स्क्रीन पर जुर्माना की स्वचालित गणना के साथ न्यायाधीश द्वारा देखा जा सकता है। जब एक बार समन जेनरेट होने और आरोपी को ई-मेल या एसएमएस पर जानकारी मिल जाने के बाद, आरोपी ‘वर्चुअल कोर्ट’ की वेबसाइट पर जा सकते हैं और अपने सम्बंधित केस का सीएनआर नंबर सर्च कर सकते हैं। यदि ऑनलाइन कोई जुर्माना राशि प्रदर्शित होती है तो इसका भुगतान किया जा सकता है तथा इससे मामले का भी निपटारा हो जाएगा। ‘वर्चुअल अदालत ’ से नियमित अदालतों पर विवादों का बोझ कम करेगा। निपटान प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। न्यायालयों में लोगों का आना काफी कम होगा।