पटना। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार में चमकी बुखार तथा जापानी एन्सेफलाइटिस बीमारी से 100 से अधिक बच्चों की हुई मौत पर आज स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर इस बीमारी की रोकथाम तथा उपचार के लिए उठाए गए कदम के बारे में चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने बिहार में एईएस से मरने वाले बच्चों के संबंध में मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार और केंद्र सरकार से यह पूछा है कि एईएस तथा जापानी एन्सेफलाइटिस जैसी बीमारियों के इलाज एवं रोकथाम के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। बिहार के मुख्य सचिव और केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर इस संबंध में चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर चिंता जाहिर की है कि आखिर 100 से अधिक बच्चों की मौत इस वर्ष अब तक एईएस और जापानी एन्सेफलाइटिस बुखार से कैसे हो गई। आयोग ने सरकार से जानना चाहा कि क्या इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने में तथा बच्चों के टीकाकरण को लेकर कहीं कोई कोताही तो नहीं बरती गई। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होना मानवाधिकार का उल्लंघन भी है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रही है। उल्लेखनीय है कि एईएस से मुजफ्फरपुर के कृष्ण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 86 और केजरीवाल अस्पताल में 17 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कुछ अन्य अस्पतालों में भी इस बीमारी से बच्चों की मौत हुई है।