पानीपत। हरियाणा में पानीपत के गांव खंडरा के नीरज चोपड़ा ने इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में सोमवार को भाला फेंक स्पर्धा में जैसे ही स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला, उनके गांव में जश्न मनना शुरू हो गया। नीरज की जीत की खबर से उसके पैतृक गांव खंडरा में जश्न का माहौल है। नीरज के पिता सतीश कुमार खेतीबाड़ी का काम देखते हैं और वह आज भी अभी खेत में गए हुए थे। सतीश के चाचा भीम सिंह ने बताया कि नीरज की जोरदार तैयारियों के चलते उन्हें स्वर्ण पदक की काफी उम्मीद थी।
उन्होंने बताया कि खुद नीरज ने जकार्ता से फोन करके उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करके गोल्ड जीतेंगे। भीम सिंह ने बताया कि उनका परिवार कई घंटे से टेलीविजन के सामने बैठा हुआ था, जैसे ही नीरज ने शानदार थ्रो करके गोल्ड अपने नाम किया वैसे ही सब लोग खुशी से झूम उठे। उसके चाचा ने बताया कि गांव में उनका संयुक्त परिवार है। नीरज की मां सरोज ने बताया कि उन्हें इस बार पूरा भरोसा था कि उसका बेटा अवश्य गोल्ड जीतेगा। दोनों छोटी बहनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। गांव में जश्न का माहौल था। नीरज के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था।