नई दिल्ली। भारत आॅस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार अप्रैल से शुरू होने वाले 21 वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 500 पदकों का आंकड़ा छू सकता है और इसके लिए उसे सिर्फ चार साल पहले के ग्लास्गो के अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक 16 बार हिस्सा लिया है और अभी तक 155 स्वर्ण, 155 रजत तथा 128 कांस्य पदक सहित 438 पदक जीते हैं। भारत को 500 का आंकड़ा छूने के लिए 62 पदकों की जरूरत है।
भारत ने इन खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अपनी मेजबानी में दिल्ली में 2010 में हुए 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में किया था जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य पदक सहित पहली बार पदकों का शतक बनाते हुए रिकॉर्ड 101 पदक अपने नाम किए थे। राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक चार देश ही 500 का आंकड़ा पूरा कर पाए हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास
राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत साल 1930 से हुई. तब इनका नाम ब्रिटिश एम्पायर गेम्स था। इन खेलों की मेजÞबानी कनाडा के शहर हेमिल्टन ने की थी। 11 देशों के 400 एथलीटों ने 6 खेलों की 59 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था। पहले राष्ट्रमंडल खेलों में तैराकी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजÞी, लॉन बॉल, रोइंग और कुश्ती शामिल थी। भारत ने अगले राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दूसरे राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन साल 1934 में इंग्लैंड के शहर लंदन में हुआ। भारत ने केवल दो स्पर्धाओं कुश्ती और एथलेटिक्स में हिस्सा लिया। 17 देशों के बीच भारत ने एक कांस्य पदक के साथ अपना खाता खोला और वह 12वें तथा अंतिम पायदान पर रहा। भारत को कुश्ती में 74 किलो भार वर्ग में राशिद अनवर ने कांस्य पदक दिलाया।
राष्ट्रमंडल खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने वाले देश
देश कुल
आॅस्ट्रेलिया 2218
इंग्लैंड 2008
कनाडा 1473
भारत 438
न्यूजीलैंड 609
न्यूजीलैंड कम स्वर्ण जीतने के कारण ओवरआल पदक तालिका में भारत से पिछड़ कर पांचवें स्थान पर है जबकि भारत चौथे स्थान पर है।