नई दिल्ली। कारोबारियों के प्रमुख संगठन फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया व्यापार मंडल ने एकल बिन्दु जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर वित्त सचिव हसमुख अधिया के समक्ष अपना पक्ष रखा। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयेन्द्र तन्ना ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसका उन्होंने संज्ञान में लेते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष इसे पेश करने के लिए कहा था। श्री जेटली की अस्वस्थता की वजह से वित्त सचिव के समक्ष व्यापार मंडल के समक्ष अपना पक्ष पेश किया है। संगठन के अनुसार प्रेजेंटेशन देखने के बाद वित्त सचिव ने एकल बिन्दु जीएसटी के विचार को पसंद तो किया पर यह भी कहा कि सभी वस्तु अधिकतम खुदरा मूल्य पर अभी नहीं बिकती हैं अत: एकल बिन्दु जीएसटी पर तत्काल संभावना नजÞर नहीं आती है। अभी इस पर थोड़ा मेहनत करनी पड़ेगी जिससे कि एकल ंिबदु जीएसटी व्यवस्था सर्वमान्य हो सके और उसको व्यापारी वर्ग प्रशासनिक रूप से कैसे संभव बना पायेंगे इस पर भी विचार करना पड़ेगा। इसके साथ ही सभी व्यापारियों को एक ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिससे कोई कर चोरी नहीं कर सके चाहे वह आयकर हो या जीएसटी।
फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री वी के बंसल के अनुसार एकल ंिबदु जीएसटी का मतलब सम्पूर्ण जीएसटी की वसूली अंतिम निर्माता से अधिकतम खुदरा मूल्य पर कर ली जाए और थोक एवं खुदरा व्यापारिओं तथा जॉब वर्कर को जीएसटी की प्रक्रियाओं से मुक्त कर दिया जाए। एकल ंिबदु जीएसटी में सेवा क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि एकल ंिबदु जीएसटी में सरकार का लक्ष्य उपभोक्ता को बेचे गए मूल्य पर जीएसटी वसूल करना है । यदि जीएसटी सिर्फ निर्माता पर लगाया जाए और वह भी खुदरा मूल्य पर तो सरकार का लक्ष्य निर्माता स्तर पर ही पूरा हो जाएगा। जब सरकार अधिकतम खुदरा मूल्य पर निर्माता से ही जीएसटी वसूल कर लेगी तो सामान बेचने वाले दुकानदार जीएसटी की कर देयता और अनुपालन से मुक्त हो जाएंगे। इसके तहत सरकार को सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत करदाताओं पर नजर रखनी होगी और सरकार का कर वसूली का लक्ष्य निर्माता स्तर पर पूरा हो जाएगा और इससे जीएसटीएन की क्षमता भी बढ़ जाएगी।