नई दिल्ली। वस्तु और सेवा (जीएसटी) परिषद की 26वीं बैठक शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में नई दिल्ली में होगी। संभावना है कि जीएसटी के तहत टैक्स रिटर्न भरने के लिए 3 की बजाय सिर्फ 1 ही फॉर्म भरने की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। उसी एक फॉर्म के आधार पर रिटर्न दिया जा सकता है। आज होने जा रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। आज काउंसिल की बैठक में रिफंड की मौजूदा व्यवस्था आसान की जा सकती है जिसके तहत 3 की बजाय सिर्फ 1 रिटर्न फॉर्म को मंजूरी मुमकिन है। यानि सिर्फ फॉर्म 3बी के आधार पर सभी रिटर्न पूरे किए जाएंगे। इस बैठक के फैसलों से बिल मैचिंग के झंझट से छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही सिर्फ विक्रेता के बिल पर खरीदार को इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रस्ताव रखा जा सकता है। इस प्रस्ताव पर कारोबारी और काउंसिल के सदस्यों में मतभेद है। क्योंकि इसमें फर्जी कंपनी बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की आशंका है। इस बैठक में वैट और एक्साइज के तर्ज पर प्रोविजनल इनपुट टैक्स क्रेडिट देने के विकल्प देने पर विचार करने के साथ ही ई-वे बिल की व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होने को मंजूरी दा जा सकती है। इस बैठक में रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल करने के मुद्दे पर प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। जीएसटी परिषद ने जनवरी में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अगुवाई वाले मंत्रियों के समूह को रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उपायों पर विचार करने को कहा, ताकि कंपनियां जीएसटी के अंतर्गत केवल एक फॉर्म भर सके। सरल रिटर्न फॉर्म को लेकर मंत्रियों के समूह की पिछले महीने बैठक हुई, लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला।