बैतूल। मध्यप्रदेश रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष हेमंत विजयराव देशमुख ने कहा कि प्रदेश के रोजगार कार्यालय अब जल्द ही निजी कंपनियों के हवाले हो जाएंगे। देशमुख ने यहां बताया कि इसके लिए सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर काम कर रही है। कंपनी को हर साल एक लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के रोजगार कार्यालय अब कारपोरेट कंपनियों के माध्यम से संचालित किए जाएंगे।
पीपीपी मॉडल के तहत सरकार पहले चरण में 15 जिलों के रोजगार कार्यालयों को पीपीपी मोड़ पर निजी कंपनियों को सौप देगी। इसकी सफलता के बाद बाकी जिलो में भी यही प्रक्रिया अपनाकर रोजगार कार्यालय निजी कंपनियों को दे दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रोजगार कार्यालय 1956 से पूरे देश में स्थापित किए गए थे। इन दफ्तरों के पास रोजगार मेलो के आयोजन के अलावा अब कोई काम नही बचा है। इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड यह नवाचार कर रहा है।
इसके तहत कारपोरेट सेक्टर जिस तरह से बेरोजगारों को रोजगार देते है, उसी पैटर्न पर यह काम निजी कंपनियों को सौप दिया जाएगा। इन कंपनियों को हर साल एक लाख बेरोजगार युवको को क्वालिटी रोजगार उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने बताया कि यह पूरे देश में इस तरह का पहला मॉडल होगा। बोर्ड इस पीपीपी मॉडल के तहत डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देते हुए काल सेन्टर के जरिये बेरोजगार का पंजीयन करेगी, जिसमे ईआरपी बेस्ड सॉप्टवेयर की मदद से डाटा करीबी कार्यालय में पहुँच जाएगा।