नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर मार्केट में लिस्टिड कंपनियों के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार सेबी ने Listing Obligations and Disclosure Requirements (LODR) के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के अनुसार अब कंपनियों के एम-कैप की गणना रोजाना न होकर छह महीने की अवधि में होगी। बाजार में रोजाना उतार-चढ़ाव होता है। ऐसे में रोज कंपनियों के एम-कैप बदलते हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी सूचीबद्ध इकाई के बाजार पूंजीकरण में बाजार की गतिशीलता के आधार पर दैनिक आधार पर उतार-चढ़ाव होता रहता है और इसलिए, एक उचित अवधि (छह महीने) में बाजार पूंजीकरण के आंकड़ों का औसत सूचीबद्ध इकाई के बाजार आकार को अधिक सटीक रूप से प्रतिबिंबित करेगा।
व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए सेबी के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद ये बदलाव आए। सेबी के इस संशोधन का उद्देश्य औसत बाजार पूंजीकरण की गणना के लिए एक परिभाषित अवधि निर्दिष्ट करना है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने इसको लेकर 17 मई को अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के अनुसार नया नियम 31 दिसंबर, 2024 से लागू होगा। अब अनुपालन की रैंकिंग 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक औसत बाजार पूंजीकरण पर आधारित होगी, जिसमें 31 दिसंबर कट-ऑफ तारीख होगी।
हर स्टॉक एक्सचेंज इस साल के अंत यानी 31 दिसंबर 2024 को एक सूची तैयार करेगा। इस सूची में वह कंपनियां शामिल होंगी इसमें 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर संस्थाओं की रैंकिंग की जाएगी। अगर कोई कंपनी की रैंकिंग हर तीन साल में बदलती है तो उस कंपनी पर नया प्रावधान लागू नहीं होगा। इससे बाजार पूंजीकरण में उतार-चढ़ाव का अनुभव करने वाली संस्थाओं को राहत मिलेगी।
इसके अलावा, सेबी ने Key Managerial Personnel (केएमपी) की रिक्तियों को भरने के संबंध में छूट दी है और कुछ मामलों में समय सीमा को मौजूदा तीन महीनों से बढ़ाकर छह महीने कर दिया है। ऐसे मामलों में जहां सूचीबद्ध इकाई को ऐसी रिक्तियों को भरने के लिए नियामक, सरकार या वैधानिक अधिकारियों की मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, इन्हें सूचीबद्ध इकाई द्वारा जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए और किसी भी मामले में रिक्ति की तारीख से छह महीने से पहले नहीं भरा जाना चाहिए। वर्तमान एलओडीआर नियमों के अनुसार एक सूचीबद्ध कंपनी को 2-11 कार्य दिवसों के भीतर वित्तीय परिणामों, शेयर बायबैक, फंडरेजिंग आदि जैसे कुछ प्रस्तावों के लिए बोर्ड बैठकों के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित करने की आवश्यकता होती है।