वित्त मंत्रालय ने एक फरवरी 2024 को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की तैयारी शुरू कर दी है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अधीन आने वाले बजट डिविजन ने बजट 2024-25 को लेकर सर्कुलर जारी किया है जिसमें बजट को लेकर सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके बजट को लेकर इनपुट की मांग की है। वित्त मंत्रालय ने इन मंत्रालयों और विभागों से 5 अक्टूबर 2023 तक अपने इनपुट जमा कराने को कहा है। केंद्र शासित प्रदेशों को भी बजट को लेकर अपने सुझाव देने को कहा गया है।
इस बजट सर्कुलर में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर सचिव अक्टूबर महीने के दूसरे हफ्ते से इन मंत्रालयों और विभागों के साथ प्री-बजट मीटिंग की शुरुआत करेंगे। उसके पहले सभी विभागों मंत्रालयों से बजट को लेकर अपनी मांगों की फेहरिस्त सौंपने को कहा गया है।
आपको बता दें एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी हालांकि ये अंतरिम बजट होगा। अप्रैल, 2024 से देश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में नई सरकार के गठन के बाद पूर्ण बजट के पेश होने तक सरकारी खर्च और सरकारी कर्मचारियों को सैलेरी देने के लिए अंतरिम बजट किया जाता है।
अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणाएं करने का रिवाज नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए लोकलुभावन घोषाणाएं भी कर सकती है। पिछले बार 2019 में जब मोदी सरकार ने जब अंतरिम बजट पेश किया था तब उसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना लाने का ऐलान किया गया था। जिसका मोदी सरकार को जबरदस्त चुनावी फायदा भी मिला था। देश में महंगाई चरम पर है। तो इसके चलते आम लोगों से लेकर मध्यम वर्ग की कमड़ टूट गई है। ऐसे में मिडिल क्लास को रिझाने के लिए मोदी सरकार चुनावों से पहले उनके लिए सौगातों की झड़ी लगा सकती है जिसमें इनकम टैक्स में राहत प्रमुख है। नई लोकसभा के गठन के बाद नई सरकार जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश करेगी। पूर्ण बजट को संसद से मंजूरी दिलाई जाएगी। तब तक के लिए सरकार के खर्च के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है।