नई दिल्ली। दक्षिण मध्य रेलवे ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ ‘डोरस्टेप बैंकिंग का करार किया है जिसके तहत जोन के सभी 585 स्टेशनों पर रोजना प्राप्त नकदी के संग्रह की व्यवस्था स्वयं बैंक करेगा। अब तक रेलवे अपने स्टेशनों पर प्राप्त नकदी को ट्रेन के जरिये ‘‘तिजौरियों’’ में बैंक तक भेजता है। यह काफी जटिल काम है तथा इसमें जोखिम भी होता है। साथ ही इसमें मानव श्रम की भी खपत होती है।
छोटे रेलवे स्टेशनों पर प्राप्त नकदी गार्ड के माध्यम से बड़े स्टेशनों पर भेजी जाती है जबकि बड़े स्टेशनों पर प्राप्त नकदी पूर्व निर्धारित नजदीकी बैंक के संबंधित वाणिज्यिक निरीक्षकों को भेजी जाती है। नकदी ले जाने वाले कर्मचारी के साथ सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को भी भेजना पड़ता था। नयी व्यवस्था के तहत बड़ी मात्रा में कर्मचारियों के श्रमबल की बचत होगी।
दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) और एसबीआई के बीच सहमति पत्र के तहत अब बैंक स्वयं रेलवे स्टेशनों से नकदी संग्रह की जिम्मेदारी लेगा। साथ ही हर स्टेशन की आय के बारे में रियल टाइम डाटा रखना भी संभव होगा। सहमति पत्र पर एससीआर की ओर से माल परिवहन के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी बी.एस. क्रिस्टोफर तथा मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी, यातायात जे. मेघनाथ ने और एसबीआई की तरफ से हैदराबाद सर्किल की डिजिटल एवं ट्रांजेक्शन बैंकिंग इकाई के उपमहाप्रबंधक सुरेंद्र नायक ने हस्ताक्षर किये।