नई दिल्ली। देशभर के उद्योग संगठनों ने ने भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे वित्तीय मजबूती बढ़ेगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उपभोक्ताओं के भरोसे में वृद्धि होगी। भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) ने रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा है कि रिजर्व बैंक ने आर्थिक विकास दर तेज करने पर जोर दिया है। फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि वित्तीय और मौद्रिक नीतियों एक साथ होने से आर्थिक विकास दर का तेज होना तय है।
अर्थव्यवस्था को गति देने के सरकार के उपायों के बाद रिजर्व बैंक के कदम से बाजार में मांग बढ़ेगी और औद्योगिक उत्पादन रफ्तार पकड़ेगा। पीएचडी चैंबर्स आफ कॉमर्स के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि रेपो दर में कमी आने से बाजार में मांग में वृद्धि होगी। ब्याज दरों में कटौती होने से पूंजी की लागत में कमी आयेगी और उद्योगों को आसानी से पूंजी मिल सकेगी। बैंकों को तत्परता से कदम उठाने होने होंगे।
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल (एसोचैम) के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि रिजर्व बैंक के रेपो दर में कटौती करने से अर्थव्यवस्था की मंदी को थामने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेपो दर में अभी भी कटौती की गुंजाइश है लेकिन मौजूदा कटौती को जमीनी स्तर पर पहुंचाया जाना चाहिए। भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि रिजर्व बैंक की घोषणा से वित्तीय मजबूती लाने के सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा।
उन्होंने सरकार से अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए घोषित किये गये उपायों को शीघ्र क्रियान्वित करने की अपील की जिससे उद्योगों को इनका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि रेपो दर में कटौती करने से घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होने बैंकों से भी ब्याज दरें घटाने का अनुरोध किया।
इंजीनियरिंग उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष रवि सहगल ने कहा कि रेपो दर में कटौती स्वागत योग्य है लेकिन अभी इसमें बहुत गुंजाइश है। निर्यातकों के लिए सस्ती पूंजी उपलब्ध करायी जानी चाहिए जिससे बाजार में मांग पैदा हो सके। रिजर्व बैंक के कम से कम ब्याज दर सुनिश्चित करनी चाहिए।