नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर अधिकारियों से कहा कि वह ईमानदारी से कर का भुगतान करने वालों के लिये चीजें सरल बनानें में मदद करें लेकिन कर चोरी और व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों से कड़ाई से निपटें। वित्त मंत्री ने जोर देते हुये कहा कि करदाताओं को कर भुगतान को सजा के रूप में नहीं बल्कि उनकी तरफ से देश निर्माण में दिये जाने वाले योगदान के रूप में लेना चाहिए।
उन्होंने कर चोरी करने वालों को पकड़ने के लिये राजस्व विभाग की तीनों जांच इकाइयों से आपस में सूचनाओं को साझा करने को भी कहा। आयकर दिवस समारोह में यहां अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि कर आधार को मौजूदा आठ करोड़ से आगे बढ़ाने के लिये प्रयास किये जाने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि कर आधार बढ़ना चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि 2019-20 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.35 लाख करोड़ रुपए रहने का लक्ष्य रखा गया है जो प्राप्त करने लायक है। कर विभाग ने पिछले पांच साल में कर संग्रह दोगुना किया है। सीतारमण ने कहा, ‘जो व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं, आपको (कर अधिकारियों) उनपर नजर रखनी होगी ... आपके पास आंकड़े हैं, उनका विश्लेषण कर आप वहां पहुंचे जहां गड़बडी हो रही है, और अगर आप उन लोगों के साथ कड़ाई से पेश आते हैं, मैं आपके साथ हूं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर करदाता कर चोरी नहीं कर रहे हैं, तब कर अधिकारियों की तरफ से उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ अच्छी सेवा मिलनी चाहिए। सीतारमण ने कहा कि राजस्व विभाग की तीनों प्रवर्तन इकाइयां आयकर, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय को जांच में बेहतर तालमेल के लिये करदाता आधार और उनके बारे में पूरी जानकारी के बारे में सूचना साझी करनी चाहिए।
अधिक कमाई करने वाले व्यक्तियों पर ऊंची दर से कर लगाने को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह सजा के तौर पर नहीं लिया जाता है बल्कि इसके पीछे सोच यह है कि जो अधिक कमाते हैं, वे देश निर्माण में अधिक योगदान कर सकते हैं।