मोरबी। देश में टाइल्स और सैनिटरी वेयर उत्पादन के सबसे बड़े गढ़ गुजरात के मोरबी स्थित 800 से अधिक ऐसी इकाइयों के संगठन मोरबी सिरामिक्स एशोसिएशन ने आज कहा कि ईंधन की लागत में बढ़ोत्तरी और राजस्थान से कच्चे माल की उपलब्धता में परेशानी के चलते आगामी एक अप्रैल से टाइल्स की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की जाएगी।
एशोसिएशन के वाल टाइल्स विभाग के अध्यक्ष नीलेश जेतपरिया ने आज कहा कि हाल में सिरामिक्स इकाइयों की बैठक के दौरान कीमत वृद्धि का निर्णय लिया गया था। मोरबी से देश भर में कुल टाइल्स के 70 प्रतिशत तक की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के छह मार्च के आदेश और इसके मद्देनजर गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नौ मार्च के आदेश के बाद कोल गैसीफायर से चलने वाली 400 से अधिक इकाइयां बंद हो गयी हैं और ये सभी अब निर्देश के मुताबिक पीएनजी गैस का इस्तेमाल कर फिर से शुरू होंगी।
इसके अलावा लगभग 40 हजार करोड़ के सिरामिक्स उद्योग के दो प्रमुख कच्चे माल पोटाश फेल्डस्पार और सोडा फेल्डस्पार की राजस्थान से उपलब्धता में भी मुश्किल पेश आ रही है। राज्य सरकार ने इनके चिप्स के बाहर भेजने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि पहले से ही मुश्किल झेल रहे सिरामिक्स उद्योग में लगभग डेढ़ साल में टाइल्स की कीमते पहले ही 30 से 40 प्रतिशत तक गिर चुकी थीं। इसके ऊपर खाड़ी के देशों में निर्यात में भी रूकावट की तलवार लटक रही है। ऐसे में एक अप्रैल से कीमतों में बढ़ोत्तरी के अलावा कोई चारा नहीं है।