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कर्ज चुकाने के लिए यहां बेची जा रही बेटियां और बच्चे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2018 11:13AM | Updated Date: Dec 3 2018 11:14AM
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जिनेवा। युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में सूखे की समस्या ने मानवीय संकट को इस हद तक बदतर बना दिया है कि लोग अपना ऋण चुकाने और खाद्य सामग्री खरीदने की खातिर अपनी छोटी-छोटी बेटियों को शादी के लिए बेचने को मजबूर हैं। अफगानिस्तान के सूखाग्रस्त हेरात और बगदीज प्रांत में संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि एक महीने से लेकर 16 साल तक की उम्र के कम से कम 161 बच्चे सिर्फ चार महीने में 'बेचे' गए।
 
यूनिसेफ की प्रवक्ता एलिसन पार्कर ने जिनेवा में संवाददाताओं को बताया, अफगानिस्तान में बच्चों की स्थित बेहद खराब है। अफगानिस्तान पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जिनेवा में बोल रहीं पार्कर ने कहा कि जुलाई से अक्टूबर के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि लड़कियों की या तो सगाई कर दी गई या शादी कर दी गई या उन्हें एक तरह से कर्ज चुकाने के लिए बेच दिया गया।
 
बच्चों से जबरन मजदूरी कराने के मामले बढ़े
अफगानिस्तान में बच्चों से जबरन मजदूरी कराने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पार्कर ने इशारा किया कि अफगानिस्तान के समाज में बाल विवाह की जड़ें बहुत गहरी हैं। करीब 35 फीसदी आबादी इसमें शामिल है जबकि कहीं-कहीं यह 80 फीसदी तक है। उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश यह और भी बदतर होता जा रहा है। बच्चे युद्ध और सूखे की कीमत अदा कर रहे हैं। जिनेवा में जमा अफगान के सिविल सोसाइटी के सदस्य भी इस बात पर सहमत थे कि देश में छोटी छोटी लड़कियों को शादी के लिए बेचा जा रहा है।
 
सूखे से पहले 80 फीसदी परिवार कर्ज की चपेट में 
उन्होंने कहा कि सूखे से पहले 80 फीसदी से ज्यादा परिवार कर्ज की चपेट में थे। कई परिवारों को उम्मीद थी कि अच्छी फसल होने पर वह कर्ज चुका देंगे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। पार्कर ने कहा कि दुर्भाग्यवश यहां लड़कियां अब कर्ज चुकाने का जरिया बन रही हैं। सर्वेक्षण में पाया गया है कि जिन बच्चियों की सगाई की गई है, उनमें से कई तो कुछ महीने की बच्चियां हैं। इसके अलावा 11 साल या इससे कम उम्र तक की लड़कियों की शादी कर दी गई। इन 161 प्रभावित बच्चों में से छह लड़के हैं।
 
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