नई दिल्ली। गंगा के निर्बाध प्रवाह की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद) ने नदी को बचाने के संकल्प को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। स्वामी सानंद ने रविवार शाम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने 101 दिन के आमरण अनशन के दौरान गंगा को निर्मल बनाये रखने के लिए तीन पत्र लिखे हैं लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान(आईआईटी) प्रोफेसर से संन्यासी बने 80 वर्षीय स्वामी सानंद ने पत्र में कहा कि आमरण अनशन के दौरान उन्होंने सिर्फ नींबू पानी का इस्तेमाल किया है लेकिन सरकार पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।
उन्होंने नौ अक्टूबर से पानी भी नहीं ग्रहण करने का निश्चय किया है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि वह नौ अक्टूबर दोपहर बाद गंगा स्रान करने और जल ग्रहण करने के बाद आमरण अनशन में किसी भी प्रकार से जल ग्रहण नहीं करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की प्रति राष्ट्रपति राम नाथ कोंिवद, मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के प्रमुख, उत्तराखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा अन्य गणमान्य लोगों को भेजे हैं।