नई दिल्ली। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच बुद्धिजीवियों एक्टिविस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस पर गुरुवार को भी सुनवाई होगी। 17 सितंबर को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इन पांच एक्टिविस्ट की नजरबंदी की समय सीमा 19 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी थी।
पीठ ने कहा था कि वह दो दिन बाद इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य की याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट कोरेगांव-भीमा हिंसा कांड में दर्ज एफआईआर की जांच के दौरान पांच एक्टिविस्ट वरवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नेन गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की 28 अगस्त को गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। पांचों बुद्धिजीवी एक्टिविस्ट गिरफ्तारी के बाद अपने घरों में नजरबंद हैं।