नई दिल्ली। मानसून सत्र के 13वें दिन राज्यसभा में ओबीसी कमीशन बिल पास कर दिया गया। लोकसभा में पहले ही पास हो चुके इस बिल के बाद अब ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिल गया है। इसके अलावा लोकसभा में एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल 2018 पेश गया, जहां इसे पारित कर दिया गया। नेशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज (रिपील) बिल, 2017 के राज्यसभा में पारित होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम मोदी को बधाई दी।
वहीं राज्यसभा में ओबीसी बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओबीसी का आरक्षण छीनकर जामिया मीलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीज को अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया। यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में इस समाज को आगे बढ़ने से रोका है। टीडीपी सांसद रवींद्र बाबू ने एससी/एसटी बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कहा कि भाजपा इस पर घड़ियाली आंसू बहा रही है ।
सरकार ने किए संशोधन
ओबीसी बिल में सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं, जिसमें आयोग में महिला सदस्य को भी शामिल किया गया है। साथ ही राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप को लेकर विपक्ष की शंका को भी दूर करने का प्रयास किया गया है।
एससी/एसटी बिल लोकसभा में पास
लोकसभा में सोमवार को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 पारित हो गया। इस संशोधन के जरिए सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश निष्प्रभावी हो जाएगा, जिसके तहत एससी/एसटी अत्याचार निवारण के मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। यह संशोधन विधेयक लोकसभा में केंद्रीय न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने पिछले सप्ताह पेश किया था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल कर अदालत के आदेश को निरस्त कर 1989 के मूल प्रावधानों को बरकरार रखने की गुहार लगाई थी।