पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में सुलग रहा है। तख्तापलट के बाद सेना ने देश को अपने कब्जे में ले लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण ले ली हैं। देश में अराजक स्थिति बनी हुई है। पीएम आवास से लेकर कई सार्वजनिक स्थानों को आग के हवाले कर दिया गया है। हिंसक प्रदर्शन में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, 400 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन, आगजनी समेत सुरक्षाबलों के साथ मारपीट करने पर उतरे हैं। बांग्लादेश में हालात बद से बदतर है। ऐसे माहौल में बांग्लादेश में भारत के 190 ट्रक ड्राइवर फंसे हुए थे, जैसे ही भारतीय सुरक्षाबल और सीमा सुरक्षा बल को इसकी भनक लगी कि फंसे सभी ट्रक ड्राइवर को बाहर निकालने की प्लानिंग कर दी। सुरक्षाबलों ने 190 भारतीय ट्रक ड्राइवर को कूचबिहार के चंग्राबंधा इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर से सुरक्षित भारत वापस ले आए।
पड़ोसी देश में अराजक स्थिति को देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। सीमा सशस्त्र बल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर गश्ती तेज कर दी है। वहीं, भारत को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। बांग्लादेश दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षाबलों की ओर से सर्च अभियान भी तेज कर दिया गया है।
बता दें कि भारत-बांग्लादेश के बीच खाद्य वस्तुओं समेत कई चीजों का व्यापार चलता है। भारत से बड़ी संख्या में फल, सब्जियां, मिल्क प्रोडक्ट्स समेत कई चीजें निर्यात होती है। हर दिन भारत से 100 से अधिक ट्रक बांग्लादेश के लिए रवाना होता था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में जारी हिंसा को लेकर सामानों का निर्यात कम हो गया था। पड़ोसी देश में पिछले दो महीनों से जारी प्रदर्शन को देखते हुए भारत ने निर्यात कम करने का फैसला किया था। वहीं, पिछले एक सप्ताह से देश हिंसा की आग में सुलग रहा था। ऐसे में जो ट्रक भारत से गए थे। वह वहीं पर रुक गए थे। जैसे ही भारतीय सुरक्षाबलों को यह जानकारी मिली कि तुरंत वहां से ट्रक ड्राइवरों को निकाल लिया गया।