प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर रवाना हो गए हैं। तीसरी बार सस्ता में वापसी करने के बाद पीएम मोदी पहली बार रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी कल ऑस्ट्रिया के दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम समझौतों पर मुहर लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए दुनियाभर की निगाहें पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात पर टिकी हुई हैं। बता दें कि पीएम मोदी पांच साल बाद रूस के दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहेल वह साल 2019 में रूस गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी रूस दौरे पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर बैठक करेंगे। इस बैठक में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर मुहर लग सकती है। इसमें सबसे अहम फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट सुखोई 57 माना जा रहा है। क्योंकि भारत सुखोई 57 को लेकर काफी गंभीर रहा है। इसके साथ ही रूस के साथ भारत में एंटी टैंक गोले बनाने की फैक्ट्री पर भी समझौता होने की उम्मीद है।
यही नहीं इस दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी रूस के साथ मैंगो शेल्स पर भी डील कर सकते हैं। इसके अलावा सेना की जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरे हथियारों की डील पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही मिलिट्री लॉजिस्टिक पर भी दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है। दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर और यूक्रेन-रूस युद्ध पर भी चर्चा होने की संभावना है। साथ ही रक्षा, तेल और गैस के मुद्दे पर भी बातचीत हो सकती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली ये बैठक 22वें द्विपक्षीय सम्मेलन के रूप में होगी, लेकिन इसका असर दुनियाभर में देखने को मिलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से लेकर जेलेंस्की और नाटो तक सब की निगाहें पीएम मोदी की इस यात्रा पर टिकी हुई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों की दोस्ती से आर्थिक डिप्लोमेसी को नया आयाम मिलेगा। साथ ही दोनों देशों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने सप्लाई चेन पर भी जोर रहेगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस से ही कल यानी मंगलवार को ऑस्ट्रिया दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी की ये यात्रा किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की 41 साल बाद पहली यात्रा होगी। ऑस्ट्रिया दौरे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर इस मध्य यूरोपीय देश की यात्रा सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि दोनों देश सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी ने ये बात ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर की सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में कही। दरअसल, ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर अपनी एक पोस्ट में लिखा कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री का वियना में स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। उन्होंने लिखा, यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 से अधिक साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है।