नई दिल्ली। फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते गाजा में पूर्व भारतीय सेना अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले की मौत के लिए इजरायल के रक्षा बल (आईडीएफ) जिम्मेदार थे। 16 मई को लिखे पत्र में पीएम मुस्तफा ने गाजा में चल रहे इजरायली हमले को 'नरसंहार का युद्ध' बताया। उन्होंने लिखा कि लोगों की जान बचाने और रक्तपात को रोकने के लिए गाजा में तत्काल युद्धविराम की जरूरत है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मुस्तफा ने लिखा, 'मैं इजरायली सेना के द्वारा भारतीय अधिकारी वैभव अनिल काले की दुखद हत्या पर अपनी गहरी संवेदना जताना चाहता हूं। काले गाजा में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे और राफा में वो संयुक्त राष्ट्र की साइन वाली गाड़ी से जा रहे थे जिस पर हमला कर उन्हें मार दिया गया। ऐसे कठिन समय में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतक के परिवार, दोस्तों सहकर्मियों और पूरे भारत के साथ हैं।'
कर्नल काले भारतीय सेना से दो साल पहले सेवानिवृत हुए थे और संयुक्त राष्ट्र सेफ्टी एंड सिक्योरिटी विभाग (DSS) में गाजा में पिछले दो महीनों से काम कर रहे थे। 13 मई को गाजा में उनके संयुक्त राष्ट्र की साइन वाली गाड़ी पर हमला हुआ जिसमें उनकी मौत हो गई थी। कर्नल की मौत ने गाजा में चल रहे संघर्ष को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता को और बढ़ा दिया है और तत्काल युद्धविराम, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की मांग की जा रही है।
फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री ने भी पत्र में भारत समेत अन्य स्टेकहोल्डर के साथ काम करने की इच्छा जताते हुए संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने पत्र में लिखा, 'भारतीय अधिकारी की मौत हमें याद दिलाती है कि लोगों के जीवन को बचाने और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायल के नरसंहार, युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए तत्काल युद्धविराम की जरूरत है।'
वहीं, एस जयशंकर को लिखे पत्र में फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने फिलिस्तीनियों के उचित हक के लिए ऐतिहासिक रूप से समर्थन जताया है जिसके लिए फिलिस्तीन भारत का आभारी है। उन्होंने कहा, 'फिलिस्तीनियों के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए आपने जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वो क्षेत्र में न्याय और शांति के लिए चल रहे हमारे संघर्ष में आशा की किरण रही है।'