नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर आये बयान को अवांछित बताते हुए भारत ने कहा है कि उन्हें दूसरे देशों के आंतरिक मामलों की बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों के संरक्षण एवं अधिकारों की चिंता करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रींिफग में इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के हमारे आंतरिक मामलों पर हर अवांछित एवं अकारण बयान का जवाब नहीं दूंगा। इस तरह की टिप्पणियां पाकिस्तान को धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के दोष से नहीं बचा सकती हैं जो उसके संविधान में भेदभाव एवं ईशंिनदा कानून में निहित है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की संस्थाओं में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को दुष्कर्म, अपहरण, बलात् धर्मपरिवर्तन एवं विवाह, धार्मिक उपासना स्थलों की तोड़फोड़ एवं विध्वंस के मामलों पर असंवेदनशील रहती हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, अपने अल्पसंख्यकों एवं इस्लाम के अन्य समुदायों की सुरक्षा एवं अधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन करते हुए दूसरों पर टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।