इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 'हनीट्रैप' मामले की सुनवायी करते हुये आज इंदौर की एक अदालत ने प्रकरण में मुख्य आरोपी और अन्य एक आरोपी महिला की आवाज के नमूने और लिखावट की जांच कराये जाने की अनुमति पुलिस को दे दी है। लोक अभियोजक के अनुसार जिला सत्र न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष आज हनीट्रैप प्रकरण की सुनवायी हुयी। मामले की जांच कर रही यहाँ की पलासिया थाना पुलिस ने इससे पहले कल एक आवेदन दाखिल कर मुख्य आरोपी आरती दयाल की आवाज़ के नमूने की जांच की अनुमति मांगी थी। साथ ही एक अन्य आरोपी श्वेता पति विजय जैन की लिखावट की जांच की अनुमति भी अदालत से पुलिस ने मांगी थी।
अभियोजक के अनुसार कल आरोपियों के अधिवक्ताओं द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने के समर्थन में तर्क देते हुये आपत्ति दर्ज करायी गयी थी। जिस पर अदालत ने आज आगामी सुनवायी करते हुये पुलिस की प्रार्थना स्वीकार कर ली है। जिसके फलस्वरूप पुलिस आरोपी आरती की आवाज़ और श्वेता की लिखावट की जांच करा सकेगी। आधिकारिक पुलिस सूत्रों ने बताया आरती और श्वेता पति विजय जैन के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में जांच करते समय कई वॉइस रिकॉर्डिंग और डायरियाँ पुलिस के हाथ लगी हैं। जिसकी प्रमाणिकता और सत्यता की जांच की जानी है। अदालत से आज अनुमति मिलने के बाद पुलिस आगामी कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।
इससे पहले कल हुयी सुनवायी के दौरान अदालत ने प्रकरण के सभी 6 आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा अवधि आगामी 24 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इंदौर की पलासिया थाना पुलिस ने यहाँ निगम में पदस्थ अधीक्षण यंत्री हरभजन ंिसह की शिकायत पर बीती 17 सितंबर को एक प्रकरण दर्ज किया था। जिसके बाद भोपाल निवासी पाँच महिलाओं सहित कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता को हनीट्रैप कर 3 करोड़ रुपये के लिये ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था। प्रकरण की आगामी सुनवायी 24 अक्टूबर को संभावित है।