बीजिंग। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जहां इस सप्ताह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान पाक में आतंकियों को पनाह मिलने का मुद्दा उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है, वहीं चीन ने सोमवार को घुड़की देने की कोशिश की है। उसने कहा कि आतंकवाद पर पाकिस्तान को एससीओ सम्मेलन में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। 13-14 जून को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाले 19वें एससीओ शिखर सम्मेलन के संबंध में चीन के उप विदेश मंत्री झांग हानहुई ने कहा, इस दौरान सुरक्षा और अर्थ व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और साथ ही आतंकवाद के मुकाबले पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
लेकिन इसका मकसद किसी देश को निशाना बनाना नहीं है। बता दें कि पीएम के रूप में दूसरे कार्यकाल की पहली मालदीव यात्रा के दौरान मोदी ने शनिवार को परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा था कि आतंकवाद को देश द्वारा बढ़ावा दिया जाना दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा है।
चीनी उप विदेश मंत्री ने कहा, सम्मेलन में एससीओ के संस्थागत ढांचे पर चर्चा की जाएगी, जिसमें विशेष रूप से आतंकवाद से निपटने को लेकर आर्थिक सहयोग और सुरक्षा सहयोग शामिल है। झांग से जब पूछा गया कि क्या सम्मलेन में चर्चा का आधार 'बहुपक्षवाद' होगा? तो उन्होंने जवाब दिया, 'सुरक्षा और विकास एससीओ के दो प्रमुख एजेंडे हैं। एससीओ की स्थापना किसी भी निश्चित देश को निशाना बनाने के लिए नहीं है, लेकिन इस स्तर का शिखर सम्मेलन का फोकस निश्चित रूप से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रिश्ते और क्षेत्रीय मुद्दे रहेंगे।'