शिलांग। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नॉर्थ ईस्ट खासकर मेघालय को उम्मीद बंधाई कि क्रिसमस के बाद वह नागरिकता कानून पर विचार करने को तैयार हैं। बता दें कि शाह गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। अमित शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।
अमित शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को उनसे मुलाकात की है। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि मेघालय में समस्या है। मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि कोई मुद्दा नहीं है। उसके बाद भी उन्होंने मुझसे (कानून में) कुछ बदलाव करने को कहा। उन्होंने कहा कि मैंने संगमा जी को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा है। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है।