नई दिल्ली। सीबीआई में चल रहे अंदरूनी विवाद को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत में छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर बहस हुई। इस दौरान कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को देने का आदेश दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि वर्मा को इस रिपोर्ट के आधार पर सोमवार तक जवाब देना होगा। कोर्ट ने कहा कि जवाब सीलबंद लिफाफे में दिया जाए। सीवीसी ने भी सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर यानि को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सीवीसी ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ जो रिपोर्ट दी है, उसमें कई पेचीदा पहलू भी हैं। वहीं सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फैसलों में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। बता दें कि कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद नागेश्वर राव के लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में तलब किया था।
बता दें कि आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर करप्शन के आरोप लगने के बाद वर्मा ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था और छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद सरकार ने वर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया। उन पर भी करप्शन के आरोप थे, ऐसे में सरकार का कहना था कि स्वतंत्र जांच के लिए दोनों का ही छुट्टी पर जाना जरूरी है।