नई दिल्ली। आरक्षण व्यवस्था पर बोलते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का मानना था कि आरक्षण की जरूरत सिर्फ 10 वर्षों के लिए है। उनकी सोच ये थी कि 10 वर्षों में समाज के पिछड़े वर्ग का बराबर विकास होगा। लेकिन हकीकत में ये संभव नहीं हुआ। यहां तक कि जो लोग संसद में मौजूद हैं वो लोग इस व्यवस्था को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ाते रहे।
रांची में लोकमंथन कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार करने की जरूरत है। ये सोचना होगा कि जिन्हें आरक्षण मिला उन लोगों ने अपने समाज के लिए क्या किया। जिन लोगों ने इस व्यवस्था के जरिए खुद की तरक्की ही उन्हें तो ये सोचना ही पड़ेगा कि ऐसा क्या हुआ कि उन समाजों से जुड़े ज्यादातर लोग मुख्यधारा से क्यों नहीं जुड़ सके।
ये समय की मांग है अब लोग इस बात को बिना किसी पूर्वाग्रह या राजनीति से ऊपर उठकर सोचें कि आखिर वो कौन सी व्यवस्था हो सकती है जिसके जरिए सही माएने में जिन्हें फायदा नहीं मिला है वो लोग भी इस व्यवस्था का हिस्सा बनकर मूल धारा से जुड़ सकें। बता दें कि भविष्य का भारत कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण के जरिए हम समाज के उन तबकों को मुख्यधारा में शामिल कर सकते हैं जो सदियों से पिछड़े हुए हैं।