लंदन। यूरोप दौरे पर राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साध रहे हैं। लंदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने संघ की तुलना अरब देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा है कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है जब संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए।
इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने उन्हें अपरिपक्व बताते हुए राहुल से माफी मांगने को कहा है। राहुल गांधी ने लंदन में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज के एक कार्यक्रम में बोलते हुए सर्जिकल स्ट्राइक, डोकलाम जैसे कई मुद्दों पर टिप्पणी की। इसी दौरान संघ पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस भारत की प्रकृति को बदलने की कोशिश कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'दूसरा कोई संगठन भारत की संस्थाओं पर कब्जा या हमला करने की कोई कोशिश नहीं करता।' राहुल ने कहा कि अभी हम इस एक नई तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अरब दुनिया के मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार की ही तरह है। राहुल ने आरोप लगाया कि इनका आइडिया है कि देश में एक ही विचार का शासन होना चाहिए। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का उदाहरण भी दिया। वहीं राहुल गांधी ने एक तरफ सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ डोकलाम को लेकर सरकार पर हमलावर भी हुए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी डोकलाम को एक इवेंट की तरह देखते हैं।
उन्होंने कहा कि डोकलाम में अभी भी सैनिक जमा हैं और अगर प्रक्रियाओं पर नजर रखी जाती तो डोकलाम विवाद टाला जा सकता था। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में केंद्र की सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है जबकि विकेंद्रीकरण के कारण ही सफलता मिलती है। 1.3 अरब लोगों के बीच भेदभाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा कि पीएमओ की विदेश मंत्रालय पर भी मोनोपॉली है। विदेश मंत्री के पास कोई काम नहीं है, इसलिए वह लोगों को वीजा देने में बिजी हैं। विदेश मंत्रालय के पास इससे ज्यादा महत्वपूर्ण काम नहीं है।