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भगवान बुद्ध का अस्थि कलश पहुंचा श्रीलंका, पहली बार होंगे दर्शन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 29 2018 2:57PM | Updated Date: Apr 29 2018 2:57PM
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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के सारनाथ के महाबोधि मंदिर में रखा भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष कलश श्रीलंका भेजा गया है, जहां उनके अनुयायी एवं अन्य श्रद्धालु कल बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में उसका दर्शन करेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी डॉ0 नीरज सक्सेना ने आज यहां बताया कि सारनाथ के महाबोधि मंदिर (मूलगंध कुटि बौध मंदिर) में वर्ष 1931 में प्रतिष्ठित होने के बाद यह पहला मौका है, जब अस्थि अवशेष कल यहां से बाहर भेजा गया है।
 
उन्होंने बताया कि अस्थि कलश श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन में रखा गया है, जहां कल से तीन दिनों तक वहां के श्रद्धालु दर्शन करेंगे तथा कड़ी सुरक्षा के बीच तीन मई को उसे वापस सारनाथ ले आया जाएगा।  डॉ0 सक्सेना ने बताया कि श्रीलंका सरकार के विशेष अनुरोध और पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम के आश्वासन पर भारत सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग ने कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच अस्थि अवशेष कल श्रीलंका के लिए भेजा था। उन्होंने बताया कि आठ दशक से अधिक समय बीतने के बाद कल पहली बुद्ध पूर्णीमा होगी  जब भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में अनुयायी एवं श्रद्धालु उनके अस्थि अवशेष कलश का दर्शन नहीं कर पायेंगे।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय पुरात्व विभाग की खुदायी के दौरान वर्ष 1928 में आंध्र प्रदेश के नागार्जुन कुंड नामक स्थान पर यह कलश मिला था, जिसे तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रमाणित किया गया था। इसके बाद वर्ष 1931 में कलश को महाबोधि मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया था। उन्होंने बताया कि खास तरह के शीशे, सोने और हीरे की मदद से श्रीलंका में तैयार किया गया यह कलश  महाबोधि मंदिर में खुले स्थान पर रखा हुआ था, लेकिन उसके नुकसान के मद्देनजर वर्ष 2013 में मंदिर के अंदर रख दिया गया।
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