यौन शोषण के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इलाज के लिए आसाराम की 7 दिन की पैरोल मंजूर की है। पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए उन्हें महाराष्ट्र भेजा जाएगा। राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने उसकी अंतरिम पैरोल को मंजूर दी। आसाराम की कुछ दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 11 साल बाद आसाराम जेल से बाहर होंगे। बता दें कि इससे पहले मार्च में भी आसाराम ने पुणे में आयुर्वेद चिकित्सा के लिए पेरोल की अनुमति मांगी थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद चिकित्सा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
आसाराम ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। जिसके बाद उन्हें जोधपुर एम्स में दाखिला कराया गया था। आसाराम 10 अगस्त से एम्स में भर्ती है। जैसे उनके तबीयत खराब होने की सूचना लीक हुई कि समर्थकों की भीड़ एम्स अस्पताल के बाहर लग गई। हालांकि, पुलिस ने समर्थकों को धीरे-धीरे घर भेज दिया था।
आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में बंद है। एक लड़की ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 की रात आसाराम ने जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाकर उसके साथ रेप किया था। लड़की ने थाने में इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद पांच साल तक ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद पॉक्सो कोर्ट ने आसाराम को दोषी पताते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनी थी। वहीं, पिछले साल गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला शिष्या के साथ दुष्कर्म करने के लिए दोषी ठहराया था।
बता दें कि इससे पहले इसी साल मार्च में आसाराम ने पुणे में आयुर्वेद चिकित्सा के लिए पेरोल की अनुमति मांगी थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद चिकित्सा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आसाराम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। हाई कोर्ट ही इस पर फैसला सुना सकता है।