नई दिल्ली। संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन संसद की पुरानी इमारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। कल से नए सदन में संसद की कार्यवाही चलेगी। पुरानी संसद से अपने संसोधन में पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू से लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने संसद नेहरू के 'स्ट्रॉक ऑफ मिडनाइट' का भी जिक्र किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी इंदिरा के समय लगाई गई इमरजेंसी और मनमोहन सरकार में कैश फॉर वोट कांड का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन पर हमले में जान गंवाने वाले सुरक्षाबलों को भी नमन किया। पीएम मोदी ने संसद में इन 10 ऐतिहासिक पलों को किया याद...
1- 'पुराने संसद भवन में पसीना, परिश्रम और पैसा भारतीयों का'
पीएम मोदी ने कहा, नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आजादी से पहले ये सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद संसद भवन के रूप में इसे पहचान मिली। ये सही है, इस इमारत के निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था। लेकिन ये बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी हमारे देश के लगे थे। पीएम मोदी ने कहा, 75 साल की यात्रा ने तमाम लोकतांत्रित प्रक्रियाओं का देश ने सृजन किया है। सदन में सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से देखा भी है। हम नए भवन में भले ही जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। ये भारत के लोकतंत्र की स्वर्णिम यात्रा का अहम अध्याय है।
2- जी 20 की सफलता का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, चंद्रयान 3 की उपलब्धि देश और दुनिया पर एक नया प्रभाव डालेगा। इस सदन से मैं एक बार फिर देश के वैज्ञानिकों को कोटि-कोटि नमन करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं। आज जी 20 की सफलता को आपने सर्वसम्मति से सराहा है, मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी 20 की सफलता पूरे देश की सफलता है, ये किसी दल की नहीं बल्कि पूरे भारत और 140 करोड़ भारतीयों की है। देश की अलग-अलग सरकारों ने जी20 की बैठकें भले भव्य तरीके से आयोजित की, जिसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ा है। भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जिस समय भारत जी 20 का अध्यक्ष बना तो उस समय अफ्रीकन यूनियन जी20 का सदस्य बना, यह ऐतिहासिक है।
3- 2001 के संसद हमले का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, संसद में आतंकी हमला हुआ। पूरे विश्व में ये हमला एक इमारत पर नहीं था। ये लोकतंत्र की मां, हमारी जीवात्मा पर ये हमला था। ये देश उस घटना को कभी भूल नहीं सकता है। लेकिन आतंकियों से लड़ते लड़ते सदन को बचाने के लिए और सदस्य को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोली झेली मैं उन्हें भी नमन करता हूं। वे हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी रक्षा की।
4- भगत सिंह-बटुकेश्वर दत्त को किया याद, अटल की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा, ये वो सदन है जहां कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता सामर्थ्य को बम का धमाका करके अंग्रेज सल्तनत को जगा दिया था। अटल जी कहते थे कि सरकारें आएंगी जाएगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन ये देश बना रहना चाहिए।
5- जवाहर लाल नेहरू के कामों का किया जिक्र
पंडित नेहरू को कई बातों के लिए याद किया जाता है। लेकिन ये वह सदन है, जहां पंडिंत नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज को कोई नहीं भूल सकता। पीएम मोदी ने कहा, बहुत सी बातें ऐसी थीं, जो हरकिसी की ताली की हकदार थीं, लेकिन राजनीति उनमें भी आड़े आ गई। कौन ऐसा सदस्य होगा, जो नेहरू जी के गुणगान के समय ताली बचाने का मन न करे। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में हम नई संसद में जाएंगे, तो नए विश्वास के साथ जाएंगे।
6- बांग्लादेश के गठन से इमरजेंसी तक का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया था, इसी सदन ने इमरजेंसी में लोकतंत्र पर होता हुआ हमला भी देखा था, और इसी सदन ने भारत के लोगों की ताकत का एहसास कराते हुए लोकतंत्र की वापसी भी देखी थी
7- नेहरू से अटल जी तक का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, सदन में ऐसे दुखद और भावनात्मक क्षण भी आए जब संसद ने तीन मौजूदा प्रधानमंत्रियों - नेहरू, शास्त्री और इंदिरा गांधी को खो दिया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। पीएम मोदी ने चन्द्रशेखर अटल बिहारी, मनमोहन सिंह, सरदार पटेल, जेपी, लोहिया, आडवाणी जैसे नेताओं को भी याद किया।
8- अंबेडकर के योगदान की तारीफ की
पीएम मोदी ने बी आर अंबेडकर के योगदान की भी सराहना की और कहा कि औद्योगीकरण के लिए उनका दृष्टिकोण, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र भारत की पहली सरकार के दौरान देश में सामाजिक न्याय लाना था, आज भी हर औद्योगिक नीति के केंद्र में बना हुआ है। पीएम मोदी ने कहा, इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया। हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है
9- जीएसटी, आर्टिकल 370 का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, लंबी समस्याओं का समाधान भी इसी सदन से हुआ। आर्टिकल 370 का समाधान भी इसी सदन से हुआ। जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ। भारत के लोकतंत्र में तमाम उतार चढ़ाव हमने देखे। ये सदन लोकतंत्र की ताकत है। जनविश्वास का बिंदू रहा है। इस सदन की ताकत देखिए, यह वही सदन है, जहां 4 सांसद वाली पार्टी सत्ता में होती थी, 100 सांसद वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन के सदस्यों ने कैंटीन में मिलने वाले खाने पर सब्सिडी को छोड़ दिया। इसी सदन के सांसदों ने कोरोना काल में अपनी सैलरी में कटौती की और देश के सामने आए संकट में बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाई। हम गर्व से कह सकते हैं कि ये सदस्य भी गर्व से कह सकते हैं कि हमने अपने ऊपर जनप्रतिनिधि कानून में समय समय पर परिवर्तन किए। आज का दिवस संसद के सदस्यों के गौरवगान का दिवस है।
10- अपनी राजनीतिक यात्रा का भी किया जिक्र
पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा, मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना, जब पहली बार सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया। इस संसद भवन के दरवाजे पर अपना शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धा भाव से कदम रखा था। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब बच्चा संसद पहुंच गया। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश इतना आशीर्वाद देगा, इतना प्यार देगा, ये कभी सोचा नहीं था।