कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी आंदोलन राजनेताओं और राजनीतिक दलों के हाथ से निकल चुका है, क्योंकि यह एक भावनात्मक मुद्दा है.इसके हल के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को आंदोलनकारियों से सीधे संवाद करना चाहिए.
दिग्विजय ने कहा,नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी का आंदोलन राजनेताओं तथा सभी राजनीतिक दलों के हाथ से निकल चुका है क्योंकि यह भावनात्मक मुद्दा है और भावनात्मक मुद्दे को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि गृहमंत्री शाह ने खुद कहा था कि पहले सीएए बिल आएगा, फिर एनपीआर और बाद में एनआरसी आएगा.
उन्होंने कहा, अगर इस संभालना है,तब मोदी जी और अमित शाह को, जितने लोग धरने पर बैठे हैं, उन्हें बुलाकर संवाद की स्थिति लाना चाहिए और उनके मन में जो भ्रम है, उस दूर करना चाहिए अन्यथा देश की हालत और बिगड़ेगी. अमित शाह के बयान कि भाजपा कार्यकर्ताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव में इतनी वोटिंग कराना चाहिए कि उसका असर शाहीन बाग में दिखे के सवाल पर दिग्विजय ने कहा,फिर वहीं बात आ गई.