नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑडिटर्स से धोखाधड़ी पर लगाम लगाने और सरकारी विभागों की दक्षता बढ़ाने के नए तौर-तरीके खोजने की अपील की। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ऑडिटर्स से भूमिका निभाने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें धोखाधड़ी को चुनौती देनी होगी। आंतरिक एवं बाहरी दोनों स्तर पर कार्यरत ऑडिटर्स को धोखाधड़ी पकड़ने के नए तौर-तरीके खोजने चाहिए।' मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में धोखाधड़ी पर लगाम लगाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।
प्रमाणों पर आधारित नीति निर्माण को प्रशासन का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऑडिटर्स को तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। इससे संस्थानों में धोखाधड़ी के मामले पकड़ना आसान होगा। 2016 के बाद दूसरी बार कैग के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'देश पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है। इसमें आपकी (आडिटर्स की) बड़ी भूमिका है। आप जो भी करेंगे, उससे हमारे नीति निर्माण, दक्षता, निर्णय प्रक्रिया, कारोबार, निवेश, कारोबारी सुगमता एवं अन्य पहलुओं पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।' मोदी ने कैग को केवल गलतियां पकड़ने वाले ऑडिटर की तरह नहीं, थिंक टैंक की तरह सोचने को कहा।
मोदी ने कहा, 'कैग कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का ऑडिट करती है और अन्य देशों को भी तकनीकी सहायता मुहैया कराती है। इसलिए आप ऐसी संस्थागत व्यवस्था तैयार कर सकते हैं जिससे ऐसी कंपनियों का ऑडिट करने वाली टीम उन देशों व संस्थानों से जुड़े अपने अनुभव साझा कर सकें।' इससे पहले मोदी ने कैग परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। प्रधानमंत्री ने दक्षता एवं पारदर्शिता बढ़ाने तथा विभिन्न चुनौतियों का तकनीकी समाधान पाने के लिए कैग को हैकाथन आयोजित करने का सुझाव भी दिया। हैकाथन के जरिये देशभर में टेक्नोलॉजी सेक्टर से जुड़े युवा समस्याओं का डिजिटल समाधान मुहैया कराने में मदद कर सकेंगे। मोदी ने कैग को विभिन्न देशों की सर्वश्रेष्ठ तकनीकों अपनाने और भारत में उन पर काम करने को भी कहा। मोदी ने कहा, 'कैग को सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं रहते हुए अच्छे प्रशासन (गुड गवर्नेस) का उत्प्रेरक बनना होगा। आप कैग को कैग प्लस बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं और इससे देश को भी लाभ हुआ है।'