प्रयागराज। मिशन मून पर निकले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए इसरो ने काफी कोशिशें कीं लेकिन धीरे-धीरे अब उम्मीद खत्म होती जा रही है। वहीं एक युवक के सिर पर विक्रम लैंडर से संपर्क करने की सनक इस कद्र सवार हुई कि वह ब्रिज के टावर पर ही जा चढ़ा। तिरंगा लेकर यमुना ब्रिज के पिलर पर चढ़े रजनीकांत बिंद को आखिरकार तीन दिन बाद सकुशल नीचे उतार लिया गया है।
मांडा थाना क्षेत्र के भौसरा नरोत्तम गांव निवासी रजनीकांत बिंद पुत्र लक्ष्मीकांत बिंद खेती किसानी करता है।16 सितंबर को वह नए यमुना पुल के पिलर नंबर 18 पर शाम को लगभग सात बजे के चढ़ गया। पुलिस टीम पहुंची और पिलर पर तिरंगा झंडा लगाकर बैठे रजनीकांत को उतारने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उतरा।
मंगलवार को भी पुलिस का प्रयास असफल रहा। बुधवार को वाराणसी से क्रेन बुलाकर शाम को पुलिस ने उसे नीचे उतारने की कोशिश की तो वह और ऊपर चढ़ गया। इस बीच पुल पर अच्छी खासी भीड़ लग गई। पुलिस को भीड़ हटाने के लिए लाठियां फटकारनी पड़ीं। मौके पर नैनी और कीडगंज पुलिस के साथ सीओ करछना सच्चिदानंद भी दल बल के साथ पहुंच गए। जब रजनीकांत क्रेन की पहुंच से ऊपर चला गया तो फायर ब्रिगेड की सीढ़ी लगाकर नीचे उतारा गया। उसके बाद उसे नैनी कोतवाली भेज दिया गया।
काफी मशक्कत के बाद युवक ने एक लोहे की प्लेट में बांधकर पन्ने में लिखकर अपना संदेश भेजा, जिसमें लिखा था कि जब तक चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम से इसरो का सम्पर्क नहीं हो जाता है। तब-तक वो पिलर पर ही रहकर चंद्रदेव से प्रार्थना करेगा। युवक के संदेश मिलने के घंटों बाद भी देर रात क़रीब 11 बजे तक पुलिसकर्मी उसे समझाकर नीचे उतारने की कोशिशों में लगे रहे लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आखिरकार पुलिस वहां से चली गई। युवक का नाम रजनीकांत है, जो प्रयागराज के यमुनापार के मांडा थाना इलाके का रहने वाला है।