नागपुर। भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनेर ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय का दौरा किया और आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात की। लिंडनेर ने ट्विटर पर आरएसएस मुख्यालय के दौरे के बारे में कहा, ‘‘उनकी आरएसएस सरसंघचालक डॉ. भागवत के साथ लंबी बैठक हुई।’’
राजनयिक ने हालांकि यह भी लिखा कि संगठन का अतीत विवादास्पद रहा है। उन्होंने लिखा, ‘‘आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई, यह विश्व का सबसे बड़ा स्वैच्छिक संगठन है हालांकि इसका पूरा इतिहास विवादित नहीं रहा। लिंडनेर ने इस वर्ष मई में भारत में जर्मनी के राजदूत के रूप में कार्यभार संभाला। वह कार्यभार संभालने के बाद चटख लाल रंग की अपनी एम्बेस्डर कार के लिए सुर्खियों में बने रहे। लिंडनेर ने आज आरएसएस मुख्यालय दौरे की फोटोग्राफ पोस्ट की जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सत्तारूढ़ दल के अधिकतर वरिष्ठ नेता इस संगठन से जुड़े हैं और उसे भाजपा के वैचारिक स्रोत माना जाता है।