नयी दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मजबूत बताने के मामले में घिरी दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने गुरुवार को सफाई दी कि साक्षात्कार के दौरान दिये गये उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मीडिया में यह रिपोर्ट आने के बाद कि श्रीमती दीक्षित ने आतंकवाद से लड़ाई में डॉ. सिंह को श्री मोदी की तुलना में कमजोर बताया है, बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि श्री मोदी ने आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई राजनीतिक लाभ लेने के लिए की। एक निजी समाचार चैनल ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘मनमोहन सिंह, हां मैं आपके साथ सहमत हूं, वह उतने मजबूत और दृढ़ नहीं थे जितने मोदी हैं लेकिन मेरा मानना हैं कि वह यह सब राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।’’ इसके बाद श्रीमती दीक्षित ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने आतंकवाद से निपटने के मामले में दोनों प्रधानमंत्रियों की तुलना नहीं की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने देखा है कि कुछ मीडिया समूह एक साक्षात्कार के दौरान की गयी मेरी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।
मैंने जो कहा था, वह यह है,-कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि श्री मोदी आतंकवाद पर अधिक मजबूत हैं लेकिन मेरा मानना है कि यह सिर्फ चुनावी हथकंडा है, कुछ और नहीं।’’ श्रीमती दीक्षित का साक्षात्कार करने वाले पत्रकार वीर सांघवी ने उनका समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैंने उनका साक्षात्कार किया था। वह सही बोल रही हैं। उन्होंने जो भी कहा, उसे संदर्भ से बाहर नहीं लें और तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करें। उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। उन्होंने कहा था कि मनमोहन सिंह अलग तरीके से प्रतिक्रिया देते थे और बहुत लोगों को लगता है कि मोदी ये सब राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। मुझे पता है। मैंने उनका साक्षात्कार किया था।’’