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महिलाओं के माध्यम से झारखंड राज्य की तस्वीर बदलना चाहती है सरकार : हेमन्त सोरेन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 8 2022 4:20PM | Updated Date: Mar 8 2022 4:20PM
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रांची । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है और हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से मंगलवार को यहां मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है। मेरा मानना है कि महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए। हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन झारखण्ड के परिपेक्ष्य में बात करें तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। क्योंकि महिलाएं आधी जिम्मेवारी की हिस्सेदार होती हैं। आज के भौतिकवादी युग में बदलाव हुए हैं।
 
आज कहीं ना कहीं रोशनी उन इलाकों तक भी पहुंच रही है, जहां महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया गया है और यह क्रम लगातार जारी है। उनके पारंपरिक सांस्कृतिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इन सब विषयों को उन तक हमें पहुंचाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का कार्य हो रहा है, जिस तरह महिलाएं बढ़ना चाहती हैं। वैसी कार्य योजना बन रही है। जो अपने पैरों पर खड़ा होने की इच्छुक हैं। सरकार उन्हें हर संभव सहयोग देने को तैयार है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उत्पीड़न को लेकर बातें आती हैं। आज भी ऐसी सोच विद्यमान है, जिसे समाप्त करने का दायित्व हम सबका है तभी हम समान नजरों से देख महिलाओं को साथ लेकर बढ़ सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है| उन तक हमें पहुंचना होगा।
 
सोरेन ने कहा कि आज के दिन को हम महत्वपूर्ण दिन के रूप में देख सकते हैं। मानव सृजन से अब तक कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में महिलाओं की भूमिका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रही है। अलग-अलग समय में विकास की लकीरें खींची गई। समूह, वर्ग, जाति और धर्म में लोग विभक्त हुए। अपने समाज और संस्कृति के साथ सभी बढ़ते चले गए। कुछ पीछे भी रहे। ऐसे पीछे छूट चुके समाज की महिलाएं और भी पीछे चली गई। लेकिन पुरुष की तरह हर कुछ महिलाएं भी कर सकती हैं। नीति निर्धारण करने वालों ने अलग-अलग तरीके से नीति का निर्धारण किया। बावजूद इसके मानव जीवन ने यह महसूस किया कि पुरुष के साथ-साथ महिलाएं को भी साथ चलना चाहिए। तभी विकास की अवधारणा परिलक्षित होगी।
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