गोल्ड कोस्ट। स्ट्राइकर रानी के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम गुरूवार को 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में वेल्स के खिलाफ अपने 12 साल के पदक सूखा खत्म करने के अभियान की शुरूआत ऊंचे आत्मविश्वास के साथ करने उतरेगी। भारतीय महिलाओं ने आखिरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में वर्ष 2002 में स्वर्ण पदक और वर्ष 2006 में रजत पदक जीता था। आत्मविश्वास से लबरेज और कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में अच्छी तैयारी के साथ गोल्ड कोस्ट पहुंची भारतीय हॉकी टीम की कप्तान रानी ने भी कहा कि उनका लक्ष्य इस बार टीम को पोडियम पर लाना है।
रानी के नेतृत्व में भारत ने गत वर्ष एशिया कप जीता था। 8महिला टीम खेलों के पूल ए में है जहां उसका पहला मुकाबला वेल्स से है जबकि ग्रुप की अन्य टीमें मलेशिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका हैं। हरेंद्र ने कहा, हम अपनी तैयारी से संतुष्ट हैं। मुझे यकीन है कि अभ्यास मैचों से टीम ने काफी सीखा होगा। भारत ने अभ्यास मैचों में क्वींसलैंड को 5-0 से हराया था, लेकिन कनाडा से 1-3 से हार गयी।
8 भारतीय टीम ने बुधवार को भी पहले मैच से पूर्व तैयारियों को पुख्ता करने के लिए करीब 45 मिनट तक अभ्यास किया और पेनल्टी कार्नर बचाने के साथ विपक्षी टीम पर हमले की रणनीति पर काम किया। भारतीय महिलाओं को दूसरे मैच में छह अप्रैल को 22वीं रैंक मलेशिया से भिड़ना है, जो उससे निचली रैंकिंग पर है।
लेकिन आठ अप्रैल को वह ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड से भिड़ेगी। 8 भारत का आखिरी पूल मैच 10 अप्रैल को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होगा। भारत का दक्षिण अफ्रीका से आखिरी मैच वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में था जहां दोनों टीमों ने गोलरहित ड्रॉ खेला था। हर पूल से दो शीर्ष टीमें ही सेमीफाइनल में जाएंगी ऐसे में भारत के लिए ग्रुप में अच्छा प्रदर्शन और हर मैच जीतना जरूरी होगा।