नई दिल्ली। दूरसंचार बाजार में जब से रिलायंस जियो ने कदम रखा तब से ही कई कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से एक तरफ जहां कुछ कंपनियों को विलय का रास्ता अख्तियार करना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ कुछ कंपनियों को दिवाला दस्तावेज दाखिल करने पड़े। जानकारी दें कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने एक नोट में कहा कि जून तिमाही में वोडाफोन आइडिया को अपनी बाजार हिस्सेदारी का एक अंश जियो से गंवाना पड़ा है। इस दौरान, उसके वित्तीय परिणामों पर भी इसका असर दिखा है।
वहीं, एयरटेल अपने आप को किसी तरह बचाए रह सकी है। हालांकि फिच का अनुमान है कि जियो, वोडाफोन आइडिया के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी देश में इस साल से परिचालन लाभ में वृद्धि दिखाने लगेगी। इसकी वजह उसकी प्रति व्यक्ति औसत आय में सुधार, प्रतिस्पर्धा में कमी आना और लागत में बचत होना है।
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में एयरटेल का परिचालन लाभ इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के मुकाबले सात प्रतिशत बढ़ा है। वहीं वोडाफोन की आय चार प्रतिशत गिरी है, जबकि उसका परिचालन लाभ 22 प्रतिशत घटा है। इतना ही नहीं, इस अवधि में उसके 1.4 करोड़ कनेक्शन भी कम हुए हैं। इस दौरान जियो की आय में 44 प्रतिशत और परिचालन लाभ में 37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।