नई दिल्ली। SC ने को चाइल्ड पोर्नोग्रॉफी से जुड़े एक केस में सुनवाई की। खबर के मुताबिक, SC में केरल HC के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें कहा गया था कि फोन में बच्चों से जुड़े Porn Video को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा। केरल HC ने सितंबर 2023 को एक केस की सुनवाई करते हुए कहा था कि यदि कोई व्यक्ति निजी तौर पर अश्लील फोटो या Video देख रहा है तो यह अपराध नहीं है, लेकिन अगर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा।
गौरतलब है कि पहले केरल HC और फिर उसी के आधार पर मद्रास HC में एक आरोपी के दोष मुक्त हो जाने पर एक NGO ने SC का रुख किया था। SC ने फिलहाल इस पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
केरल HC के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने यह फैसला दिया था। जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा था, पोर्नोग्रॉफी सदियों से प्रचलित है। आज डिजिटल युग में इस तक आसानी से पहुंच हो गई। बच्चों और बड़ों की उंगलियों पर ये मौजूद है। सवाल यह है कि अगर कोई अपने निजी समय में दूसरों को दिखाए बगैर पोर्न देख रहा है तो यह अपराध है या नहीं? जहां तक कोर्ट की बात है, इसे अपराध की कैटेगरी में नहीं लाया जा सकता क्योंकि यह व्यक्ति की निजी पंसद हो सकती है। इसमें दखल उसकी निजता में घुसपैठ के बराबर होगा।