मुंबई। वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज क्रिस गेल को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। साल 2018 में कोर्ट ने क्रिस गेल के हक में फैसला एक सुनाया था। लेकिन इसके बाद तीन अखबारों ने एक बार फिर से कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी। मानहानि के एक केस में गेल को जीत मिली है। ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने कहा है कि अखबारों को हर हाल में जुर्माना देना होगा। साल 2018 में कोर्ट ने गेल के हक में फैसला सुनाया था। लेकिन इसके बाद तीन अखबारों ने एक बार फिर से कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने आज इसे खारिज कर दिया।
न्यू साउथ वेल्स की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड, द एज और कैनबरा टाइम्स को अब जुर्माने के तौर पर तीन लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी करीब एक करोड़ चौवालीस लाख रुपये देने होंगे। कोर्ट ने गेल की भी अपील खारीज कर दी है। उन्होंने ज़्यादा पैसे की मांग की थी।
बता दें कि साल 2015 में एक महिला मसाज थेरेपिस्ट ने आरोप लगाया था कि क्रिस गेल उनके सामने नंगे हो गए थे। फेयरफैक्स मीडिया ने इस महिला की कहानी को सिलसिलेवार तरीके से छापा था। ये मीडिया ग्रुप सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड, कैनबरा टाइम्स और द ऐज का प्रकाशन करता है। अखबार के जरिए महिला ने आरोप लगाया था कि सिडनी में 2015 में ड्रेसिंग रूम में गेल ने ऐसी हरकत की थी। इसके बाद ये महिला मसाज थेरेपिस्ट बेहद नाराज हो गईं थी। उन्होंने ये दावा किया था ये घटना वर्ल्ड तप 2015 के दौरान सिडनी में हुई थी।
क्रिस गेल के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि ड्रेसिंग रूम में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। इस महिला ने झूठी कहानी बना कर मीडिया के सामने पेश किया था। साल 2017 में गेल और उनके साथी क्रिकेटर ड्वेन स्मिथ ने इसको लेकर कोर्ट में सबूत भी पेश किए थे। कोर्ट ने माना कि इस मानहानि के मामले में गेल के पेशेवर जीवन कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है। हालांकि, फेयरफैक्स मीडिया के प्रवक्ता का कहना है कि लूसी को गुमराह किया गया है, ताकि फेयरफैक्स को उचित कार्यवाई का मौका न मिले।