बर्मिंघम। विश्वकप टीम में चोटिल खिलाड़यिों की चोटों को लेकर भ्रम की स्थिति और ऐसे खिलाड़यिों की जगह शामिल किये जाने वाले विकल्पों को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की नीति सवालों के घेरे में आ गयी है। इस विश्वकप में अब तक भारत के दो खिलाड़ी चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। बायें हाथ के ओपनर शिखर धवन हाथ के अंगूठे में चोट के कारण और ऑलराउंडर विजय शंकर पैर के अंगूठे में चोट के कारण विश्वकप से बाहर हुये हैं। दोनों ही खिलाड़यिों की चोटों को लेकर भ्रम की स्थिति बराबर बनी रही। शिखर को हाथ के अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर था लेकिन टीम प्रबंधन ने उनपर फैसला लेने में करीब 15 दिन का समय लगा दिया।
टीम प्रबंधन यही उम्मीद करता रहा कि शिखर ठीक हो जाएंगे जबकि आमतौर पर किसी भी फ्रैक्चर को ठीक होने में कम से कम एक महीने का समय लगता है। टीम प्रबंधन को आखिर शिखर को बाहर करने का फैसला करना पड़ा। शिखर की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाजÞ रिषभ पंत को वैकल्पिक खिलाड़यिों में से टीम में लाया गया। शिखर के बाहर होने से लोकेश राहुल को ओपनिग में भेजा गया। अब ऑलराउंडर विजय शंकर के बाहर होने के बाद टीम प्रबंधन में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज को टीम में शामिल करने का आग्रह किया है जिसके बाद ओपनर मयंक अग्रवाल को शंकर की जगह लेने इंग्लैंड भेजा जाएगा।
यह दिलचस्प है कि शंकर के पैर के अंगूठे में 19 जून को नेट अभ्यास के दौरान जसप्रीत बुमराह की यार्कर से चोट लगी थी और उनपर फैसला लेने में टीम प्रबंधन ने करीब 13 दिन का समय लगा दिया। यह हैरानी की बात है कि टीम के साथ जुड़े ट्रेनर यह साफ नहीं कर पाये कि शंकर की चोट कितने समय में ठीक होगी। बीसीसीआई ने अब विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि शंकर की चोट को ठीक होने में कम से कम तीन सप्ताह का समय लगेगा जिससे वह शेष टूर्नामेंट के लिये बाहर हो गये हैं। टीम के एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य तेजÞ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की हैमस्ट्रिंग चोट को लेकर भी अभी स्थिति साफ नहीं है। इस चोट के कारण भुवनेश्वर भारत के पिछले तीन मैच नहीं खेल पाए हैं। टीम प्रबंधन उम्मीद कर रहा था कि भुवनेश्वर इंग्लैंड के खिलाफ 30 जून के मैच तक फिट हो जाएंगे लेकिन वह अभी तक फिट नहीं हो पाए हैं।
भुवनेश्वर की जगह उतरे मोहम्मद शमी ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और तीन मैचों में 13 विकेट ले चुके हैं। इंग्लैंड के खिलाफ शमी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये करियर में पहली बार एक वनडे में पांच विकेट हासिल किये हैं। शमी के इस प्रदर्शन के कारण ही न तो टीम प्रबंधन और न ही अन्य कोई भुवनेश्वर की चोट के बारे में बात कर रहा है। खिलाड़यिों की चोटों के बाद विकल्पों को लेकर भी बीसीसीआई की नीति पर सवाल उठ रहे हैं। शिखर के बाहर होने के बाद पंत को टीम में जगह मिली क्योंकि इससे पहले तक पंत को विश्वकप टीम में शामिल किये जाने की हर तरफ से जोरदार वकालत होती रही थी।
उस समय टीम में ओपनर की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज को शामिल किया गया और अब मध्यक्रम के खिलाड़ी के बाहर होने के बाद टीम में एक ओपनर को शामिल किया गया है। टीम प्रबंधन ने ही बीसीसीआई से शंकर की जगह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज को भेजने का आग्रह किया था। यह हैरानी की बात है कि मयंक अग्रवाल वैकल्पिक खिलाड़यिों में शामिल नहीं थे और चयन समिति ने वैकल्पिक खिलाड़यिों में शामिल मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाटी रायुडू का दावा खारिज कर मयंक को विश्वकप भेजने का फैसला किया है। भारत के पास लीग में अब बंगलादेश और श्रीलंका के खिलाफ मैच बचे हैं। बंगलादेश के साथ मैच मंगलवार को होना है। मयंक के चुने जाने से अब टीम में तीन ओपनर हो जाएंगे और श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में टीम संयोजन को लेकर दिलचस्प स्थिति रहेगी।