युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। 18 साल तक भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर की रीढ़ रहे युवी ने टीम इंडिया के लिए कई मैच जिताए थे। रिटायरमेंट के दौरान युवराज सिंह ने कहा कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। युवराज सिंह ने भारतीय टीम को वर्ल्डकप 2011 में चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब हासिल किया था।
युवराज सिंह ने मुंबई में दोपहर एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संन्यास का ऐलान किया। युवराज ने कहा कि मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। उन्होंने सालों के प्यार के लिए देशवासियों को शुक्रिया कहा और बोले कि देश की जर्सी को कभी भुला नहीं पाऊंगा। युवराज सिंह ने अपना आखिरी मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ 30 जून 2017 को खेला था। युवराज सिंह ने देश के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 T-20 इंटरनेशनल मैच खेला। साल 2007 के टी20 वर्ल्डकप में युवराज सिंह ने एक ओवर में छह छक्के मारकर इतिहास रच दिया था। टी20 में एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले युवराज दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं।
साल 2000 में युवराज सिंह तब दुनिया की नजरों में आए जब मोहम्मद कैफ की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका में आयोजित अंडर-19 विश्व कप पहली बार जीता था। युवराज सिंह उस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज बने थे। इसके बाद ही वह चयनकर्ताओं की नजर में आए और फिर टीम इंडिया के सुपरस्टार बन गए। युवराज सिंह ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच अक्टूबर 2003 में केन्या में खिलाफ खेला। भारत ने इस मैच को 8 विकेट से जीता, हालांकि युवराज सिंह को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने 7 अक्टूबर 2003 को अपना दूसरा मैच खेला और और यहां बल्ला मिलते ही गरज पड़े। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले इस मैच में युवराज ने अपना पहला अर्धशतक जड़ते हुए 84 रनों की शानदार पारी खेली थी।