महासमुन्द। छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला अदालत ने रोजगार गारंटी योजना में फर्जी मस्टर रोल बनाकर धोखाधड़ी कर राशि हड़पने के मामले में तत्कालीन सरपंच और उसके पुत्र तथा तत्कालीन रोजगार सहायक एवं उसके भाई को 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट एच के रात्रे ने फर्जी मस्टर रोल बनाकर धोखाधड़ी कर राशि हड़पने के मामले में मालीडीह के तत्कालीन सरपंच और उसके पुत्र तथा तत्कालीन रोजगार सहायक व उसके भाई को कारावास के साथ ही दो-दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अर्थदंड अदा नहीं करने पर अलग से सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार वर्ष 2011 में महासमुन्द ब्लॉक के मालीडीह पंचायत में ज्ञानी के खेत से पंचायत भवन तक सडक पुलिया निर्माण का काम किया गया था। जिसमें भारी भ्रष्टाचारी किये जाने की शिकायत हुई थी। जांच के बाद तत्कालीन जनपद सीईओ राजेन्द्र वर्मा ने कोतवाली में फर्जी मस्टर रोल के जरिये करीब एक लाख 71 हजार रुपए का आहरण कर भ्रष्टाचार किये जाने की लिखित शिकायत की थी।
शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस ने फर्जी वेज लिस्ट व फर्जी मस्टररोल तथा अन्य दस्तावेजों की जब्ती की थी और इन दस्तावेजों में किये गये मजदूरों के हस्ताक्षरों को मिलान करने के लिए हैडराइंिटग एक्सपर्ट के पास भेजा गया था। परीक्षण में मजदूरों के दस्तख्त फर्जी पाये गये।मामले में पुलिस ने इनके विरूध्द भादवि की धारा 420, 467, 468/34 के तहत धोखाधड़ी का अपराध पंजीबध्द कर सभी को गिरफ्तार किया गया था।