गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले स्थित उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उदंती अभयारण्य में पाए जाने वाले राजकीय पशु वन भैंसों में से एक रामू का तीन वर्षों से कुछ पता नहीं चल सका है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व विभाग के प्रभारी उप निदेशक आरके रायस्त ने बताया कि विभाग लगातार रामू की खोजबीन में लगा है। विभाग ने इसके लिए टीम भी गठित की है, जिसने बस्तर के जंगल के अलावा ओडिशा के जंगलों में भी रामू की तलाश की।
बताया जा रहा है कि रामू को कॉलर आईडी नहीं लगाए जाने की वजह से इसकी तलाश करने में विभाग अब तक असफल रहा है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार उदंती में कुल आठ वन भैंसे हैं। जिसमें से शुद्ध नस्ल के वन भैंसे की संख्या एक है। इन 8 में से छह नर और दो मादा हैं। रेस्क्यू सेंटर भी वन भैंसों के लिए बनाया गया है। भारत के अलावा बर्मा, नेपाल और थाईलैंड में वन भैंसा पाया जाता है।
भारत में काजीरंगा के अलावा बस्तर और गरियाबंद क्षेत्र में वन भैंसे पाए जाते हैं। गत आठ माह के भीतर यहां दो वन भैंसों की मौत हो चुकी है। जुगाड़ू नाम के वन भैंसे को तीर मारा गया था। वहीं श्यामू की मौत स्वभाविक हुई थी। रायस्त ने बताया कि दफनाए दो मृत वन भैंसों के कंकाल को म्यूजियम में रखे जाने के लिए निकाला जाएगा।