नई दिल्ली। किराये के मकान के लिए प्रोपर्टी डीलरों द्वारा लिए जाने वाले कमीशन से बचने के लिए अब अधिकांश लोग आॅनलाइन की ओर रूख कर रहे हैं। इस संबंध में नोब्रोकर डॉटकॉम द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार इसमें शामिल सात हजार से अधिक लोगों में से 83 फीसदी ने किराये की संपत्ति की खोज करने के लिए आॅनलाइन को प्राथमिकता दी जबकि मात्र 17 फीसदी से प्रोपर्टी डीलरों और अपने मित्रों और जान पहचान वालों की मदद ली। आॅनलाइन किराये का मकान तलाशने वालों में 52 फीसदी लोग 30 वर्ष आयु वर्ग के थे और उनमें से अधिकांश अविवाहित थे। इसके अनुसार आॅनलाइन किराये की संपत्ति की तलाश करने वालों में से 44 फीसदी लोगों ने डेस्कटॉप का उपयोग किया जबकि 38 फीसदी ने इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के ऐप का उपयोग किया। इसमें शामिल 59 प्रतिशत लोगों ने अपने मकान मालिक को आॅनलाइन किराया देने को प्राथमिकता दी है। कंपनी का कहना है कि पिछले 18 महीने भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बहुत ही उथलपुथल वाले रहे हैं। नोटबंदी के बाद रेरा और फिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से यह क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है। उसका कहना है कि हालांकि इस दौरान किराये की संपत्ति की तलाश आॅनलाइन बढ़ी है और लोगों के इस ओर आने का सबसे बड़ा कारण प्रोपर्टी डीलरों के कमीशन से छूटकारा पाना है।