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चंदा कोचर को नहीं मिलेंगे रिटायरमेंट बेनिफिट, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 8 2023 4:49PM | Updated Date: Dec 8 2023 4:49PM
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आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। शुक्रवार यानी 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर की रिटायरमेंट बेनिफिट के संबंध में डाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कोर्ट ने रिटायरमेंट के बाद के बेनिफिट के लिए कोचर के अंतरिम आवेदन को खारिज किया था। कोचर की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर लॉयर हरीश साल्वे ने तर्क दिया कि बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला अन्यायपूर्ण था। साल्वे ने कहा कि बैंक ने शुरू में कोचर को रिटायरमेंट बेनिफिट का ऑफर किया था, लेकिन बाद में इसे कैंसल कर दिया।

मई 2023 में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सिंगल बेंच के आदेश बरकरार रखा था जिसमें रिटायरमेंट के बाद बेनिफिट की मांग करने वाली याचिका को खारिज किया गया था। बेंच ने माना कि कोचर को कोई भी राहत देने से आईसीआईसीआई बैंक पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने कहा था कि यदि बैंक अपने मुकदमे में सफल हो जाता है तो उसे कोचर के पास रखे शेयरों को रिकवर करना होगा।

10 नवंबर 2022 को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ के पद से कोचर का टर्मीनेशन पूरी तरह से वैध था। जिसके बाद रिटायरमेंट के बाद के लाभों की डिमांड करने वाले उनके अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया। पीठ ने कोचर को यह भी निर्देश दिया कि वह 2018 में खरीदे गए बैंक के 6।90 लाख शेयरों का सौदा न करें। उन्हें छह सप्ताह के भीतर शेयरों के संबंध में एक हलफनामे में सभी ट्रांजेक्शन का खुलासा करने के लिए भी कहा गया था।

मई 2018 में, आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर के खिलाफ जांच शुरू की। जल्द ही, वह छुट्टी पर चली गईं और बाद में रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बैंक ने आरबीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनकी नियुक्ति को समाप्त करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी भी मांगी थी।

जनवरी, 2019 में दायर अपने आरोपपत्र में, सीबीआई ने कहा था कि कोचर के तहत आईसीआईसीआई बैंक ने बैंक की क्रेडिट पॉलिसीज का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन का लोन पास किया था। ये लोन बाद में एनपीए में बदल गए, जिसकी वजह से बैंक को काफी नुकसान हुआ और उधारकर्ता और आरोपी को गलत तरीके से फायदा हुआ। आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामला भारतीय बैंकिंग उद्योग द्वारा देखे गए सबसे हाई-प्रोफाइल घोटालों में से एक है।

 
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