26 Apr 2024, 10:33:16 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

करोड़पति बनने के लिये करें शनिदेव के ये उपाय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 1 2019 3:20PM | Updated Date: Jun 1 2019 3:20PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

ग्रह के रूप में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है इसीलिए इसे एक राशि का भ्रमण करने में ढाई वर्ष का समय लगता है। और सभी 12 राशियों में भ्रमण के लिए 30 वर्ष का। शनिदेव को खुश करना बहुत कठिन है लेकिन अगर सच्चे मन से शनिदेव की आराधना और पूजा पाठ की जाए तो इनको मानना बहुत आसान है। शनिदेव के शुभ प्रभाव से जीवन में दुःख नहीं बल्कि खुशियां आती है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति पर शनि की कृपा हो जाती है तो उसके भाग्य बदल जाते हैं। आइये जानते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय

कहा जाता है कि  सूर्योदय से पहले पीपल की पूजा करने पर शनिदेव अत्यधिक प्रसन्न होते है। और उन्हे खुश करने के लिए पीपल के पेड़ पर तेल में लोहे की कील डालकर चढाया जाता है।
शनिदेव की मूर्ति पर 43 दिन तक लगातार तेल चढांए लेकिन रविवार को छोड़कर।
शनि देव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन वर्त जरुर रखें और काली गाय को  उड़द ,तेल, तिल या ब्रह्माणों को काला कंबल दान करें।
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें  इस दौरान शनि मंत्र का जाप जरूर करें।
हर शनिवार बंदरों और कुतों को गुड़ और काले चने खिलाएं, इसके  अलावा आप केले या मीठी का  भी भोग लगा सकते है।
शनिवार के दिन आप अपने हाथ  की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धगा लें उसे एक माला के रुप में बनाकर अपने गले मे धारण करे। ऐसा करने से भगवान शनि  प्रसन्न रहते है।
यह  माना जाता है की शनिवार को जब आप शनिदेव के मंदिर में प्रणाम करने जाएं तो चमड़े के काले रंग के जूते पहन कर जाएं और वापसी पर नंगे पांव घर आएं। जिन लोगों की राशि पर साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो या राशि में शनि अच्छे स्थान पर न हो उन लोगों पर जल्द ही शनिदेव की कृपा होगी।
 कहा जाता है कि सूर्यास्त के समय पीपल के पास दीपक जला कर रखना चाहिए। इससे शनि की कृपा बनी रहती है।
इस दिन शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें। इससे शनि देव खुश हो जाते हैं।
पीपल के पेड़ को जल चढ़ाकर पूजा करें और सात परिक्रमा करें।
शनि के लिए वैदिक मंत्र
“ऊँ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये । शं योरभि स्रवन्तु न:”
“ऊँ शं शनैश्चराय नम:”
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »