26 Apr 2024, 05:08:15 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

अंतरजातीय शादी करने वाले भी बन सकते हैं लखपति, जानें कितना पैसा देती है सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 27 2021 3:29PM | Updated Date: Jul 27 2021 3:29PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

दिल्‍ली। अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार प्रयासरत हैं। अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार एक स्कीम चला रही है। इसके तहत अगर कोई दलित से अंतरजातीय विवाह करता है तो उस नवविवाहित युगल को केंद्र सरकार द्वारा 2 लाख 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। ये आर्थिक सहायता डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज के तहत दी जाती है। ये स्कीम साल 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी। इस स्कीम का उद्देश्य समाज से जाति व्यवस्था की बुराई को खत्म करना है। साथ ही इस कुरीति के खिलाफ साहसिक कदम उठाने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करना भी है। हालांकि, दूसरी शादी करने पर इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है।
 
ऐसे उठा सकते हैं योजना का लाभ
 
1. नवदंपती को योजना का लाभ उठाने के लिए अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक की सिफारिश के साथ आवेदन को भरने के बाद डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेजें।
 
2. नवविवाहित युगल आवेदन को पूरा भरकर राज्य सरकार या जिला प्रशासन को सौंप सकते हैं। जिसके बाद राज्य सरकार या जिला प्रशासन आवेदन को डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेज देते हैं।
 
योजना का लाभ पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
 
1. नवदंपती में से कोई एक दलित समुदाय से होना चाहिए। दूसरा दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए।
 
2. शादी को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत रजिस्टर होना चाहिए। इस संबंध में नवदंपती को एक हलफनामा देना होता है।
 
3. इस योजना के तहत फायदा उन्हीं नवदंपती को मिलता है जिन्होंने पहली बार शादी की है। दूसरी शादी करने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।
 
4. आवेदन भरकर शादी के एक साल के अंदर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेजना होता है।
 
5. अगर नवदंपती को राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा किसी तरह की आर्थिक सहायता पहले मिल चुकी है, तो उसको इस ढाई लाख रुपये की धनराशि में घटा दी जाएगी।
 
आवेदन के साथ इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरत
 
1. नवदंपती में से जो भी दलित समुदाय से होते हैं उन्हें आवेदन के साथ जाति प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य है।
 
2. हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत शादी रजिस्टर करने के बाद जारी मैरिज सर्टिफिकेट भी अटैच करना होता है।
 
3. आवेदन के साथ कानूनी रूप से विवाहित होने का हलफनामा पेश करना जरूरी है।
 
4. ऐसा दस्तावेज भी लगाना होता है जिससे यह पता चल सके कि दोनों की यह पहली शादी है।
 
5. नवविवाहित पति-पत्नी को आय प्रमाण पत्र भी देना होता है।
 
6. नवदंपती का संयुक्त बैंक खाते की जानकारी आवेदन में देनी जरूरी हैं, जिसमें सहायता राशि सरकार की ओर से दी जाती है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »