अवध के नवाब वाजिद अली शाह का नाम का नाम आपने सुना होगा। पाक और नृत्य कला के अलावा कई कालों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस राजा के बारे में कई चीजें प्रचलित है जैसे कि उसका समय हसीन लड़कियों हिजड़ों, और सारंगीवादकों के बीच गुजरता था। अपने जीवन के आखिरी साल में उसने 300 शादियां की। भारत के इस आखिरी बादशाह ने बहुत सी महिलाओं को एक साथ तलाक भी दिया। वाजिद अली शाह हमेशा विदेशी व्यापारियों के साथ आने वाली अफ्रीकी महिला गुलामों और अंगरक्षकों से घिरा रहता था।
रोज करता था शादी- उसके जीवन में एक ऐसा समय आया जब वो रोज एक या इससे अधिक शादियां करता था। कोलकाता के बाहर नदी किनारे अपनी जागीर गार्डन रिज के नाम से बसाई। यहाँ एक परीखाना था जहाँ उसकी तमाम बीवियां रहती थीं।
बीवियों को कहता था परियां- वाजिद अली शाह अपनी बीवियों को परियां कहते थे। परियां वो जो उसे पसंद आ जाती जिससे नवाब अस्थाई शादी कर लेते थे और अगर कोई उनके बच्चे की माँ बनती तो उसे महल कहा जाता था।
अफ्रीकी महिला अंगरक्षक- वाजिद अली शाह को स्त्रियों से घिरे रहने में आनंद आता था। विदेशी व्यापारियों के साथ आने वाली अफ़्रीकी अंगरक्षकों में से कई से उन्होंने शादी की। वाजिद अली को काले रंग की महिलाएं पसंद थीं।
आठ साल की उम्र में सबंध- नवाब का पहला संबंध आठ साल की उम्र में अधेड़ सेविका से बना था। उसके बाद उसने कई महिलाओं से संबंध बनाए।
परीखाना के नाम से आत्मकथा लिखवाई- नवाब वाजिद अली शाह ने "परीखाना" नाम से आत्मकथा लिखवाई जिसे "इश्कनामा" भी कहा जाता है। उन्होंने 60 किताबें लिखी थी।
बड़ी संख्या में बीवियों को छोड़ा- बादशाह ने कई अस्थाई बीवियों और स्थाई बीवियों को छोड़ दिया। हालांकि ये मामला काफी विवादास्पद हो गया। क्योंकि अंग्रेज उनके इस कृत्य के खिलाफ थे।