देश में ऐसे कई लोग हैं जो भीख मांगकर अपना पेट भरते हैं। लेकिन पंजाब के पठानकोट में एक ऐसा भिखारी है जो कोरोना योद्धा बनकर सामने आया है। भीख मांगकर गुजारा करने वाले दिव्यांग राजू ने एक ऐसी ही मिसाल पेश की है। जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। राजू अब तक 100 गरीब परिवारों को एक महीने का राशन और 3000 मास्क बांट चुका है।
राजू ट्राइसाइकिल से चलता है और पूरे दिन भीख मांगकर गुजारा करता है। उसी पैसे से वह लोगों की मदद करता है। राजू अपने भीख के पैसों से कई गरीब लड़कियों की शादी भी करा चुका है। राजू का कहना है कि पूरे दिन में जो भी पैसे उसे मिलते हैं, जितनी जरूरत होती है, वो उतने ही खर्च करता है बाकि पैसा वो जमा कर लेता है और जरूरतमंद लोगों की मदद करता है।
पठानकोट के ढांगू रोड पर एक गली की तरफ जाने वाली पुलिया टूटी हुई थी। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही थी। लोग प्रशासन से इसकी कई बार शिकायत तक कर चुके थे। लेकिन राजू ने अपने भीख के पैसों से पुलिया को ठीक करवा दिया। इसकी चर्चा पूरे पंजाब में हुई।
राजू को इस बात का बेहद दुख है कि अपने लोगों ने उसे दूर कर दिया। इसलिए कुछ अच्छा काम कर लूंगा तो शायद आखिरी समय में मेरी अर्थी को कंधा देने वाले लोग मिल जाएंगे। नहीं तो भिखारी जमीन पर ही जीते हैं और जमीन पर ही मर जाते हैं। इनकी लाश को कोई कंधा देने वाला भी नहीं मिलता है।
इसके अलावा राजू गरीब बच्चों के स्कूल की फीस भरता है और अब तक 22 गरीब लड़कियों की शादी भी करा चुका है। वह भंडारा करवाता है, गर्मी में लोगों के लिए पानी की व्यवस्था करता है। कोरोना वायरस के चलते जहां सरकारी मशीनरी पूरी तरह फेल हो चुकी है, वहीं राजू भिखारी वो काम कर रहा है, जिसे कभी कोई नहीं भुला पाएगा।